भारतीय विस्तारवादी पार्टी
का
संविधान
अनुच्छेद - 1
पार्टी का नाम
भारतीय विस्तारवादी पार्टी
अनुच्छेद - 2
पार्टी का उद्देश्य एवं लक्ष्य
अ- भारतीय विस्तारवादी पार्टी की भारत के संविधान में सच्ची निष्ठा एवं श्रद्धा है। महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शो से प्रेरणा लेकर भारतीय विस्तारवादी पार्टी विधि एवं कानून द्वारा स्थापित भारतीय संविधान पर और समता मूलक समाजवाद एवं धर्म निरपेक्षता, सम्प्रभुता, अखण्डता और एकता पर विश्वास करती है। भारतीय विस्तारवादी पार्टी आर्थिक एवं राजनैतिक सत्ता के विकेन्द्रीकरण की राज्य व्यवस्था पर विश्वास करती है। पार्टी शान्ति पूर्ण तथा लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रकट करने के अधिकार को मान्यता प्रदान करती है जिसमें सत्याग्रह एवं शान्तिपूर्ण विरोध शामिल है।
ब- धर्म पर आधारित राज्य की अवधारणा रखने वाले किसी भी संगठन का भारतीय विस्तारवादी पार्टी विरोध करती है। धर्म पर आधारित राज्य में आस्था रखने वाले किसी भी व्यक्ति अथवा समूह को भारतीय विस्तारवादी पार्टी सदस्य नही बनायेगी।
स- समता मूलक समाजवाद की स्थापना हेतु भारतीय विस्तारवादी पार्टी महिला, अल्पसंख्यक, अनु0 जाति, अनु0 जनजाति एवं पिछडी जाति, आर्थिक विपन्नों के आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक विकास के अवसर उपलब्ध कराने पर पार्टी विश्वास रखती है।
द- भारतीय विस्तारवादी पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथ निरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतो के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा रखेगी तथा भारत की प्रभुता, एकता व अखण्डता को अक्षुण्ण रखेगी।
ध- पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा को बढ़ावा नही देगी और न ही उसमें शामिल होगी।
न- पार्टी घोषित करती है कि वह अपने पंजीकरण के पांच वर्षो के अन्दर निर्वाचन आयोग द्वारा करवाये जाने वाले चुनाव लड़ेगी तथा इसके पश्चात चुनाव लड़ना जारी रखेगी।
अनुच्छेद - 3
पार्टी की सदस्यता
भारत का कोई भी नागरिक जिसने 18 वर्ष की उम्र पूरी कर ली है वह पागल, दीवालिया अथवा कोढ़ी नही और स्वस्थ चित है। भारतीय विस्तारवादी पार्टी के संविधान के अनुच्छेद (2) लिखित उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के प्रति कटिबद्ध होने का संकल्प रखता है। रूपया 10 चर्तवर्षी शुल्क देकर भारतीय विस्तारवादी पार्टी का सदस्य बन सकता है। शर्त यह होगी कि वह अन्य राजनैतिक एवम् साम्प्रदायिक संगठन के संविधान और कार्यक्रम पर विश्वास, निष्ठा रखने वाले संगठन का सदस्य न हो।
सदस्यता के प्रकार एवं शुल्क
अ- क्रियाशील सदस्यः-
जो सदस्य कम से कम 25 सदस्यों को संगठन का सदस्य बनावे और उनसे संकलित सदस्यता शुल्क रू0 100 संगठन कोष में जमा करावे वह भारतीय विस्तारवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य होगा।
ब- सदस्यता का कार्य काल पूर्ण कालिक होगा।
स- नगर पंचायत, नगर पालिका, जिला, लोक सभा क्षेत्र कार्यकारिणी एवं विधान सभा क्षेत्र कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को क्रमशः रूपया 200/-, रूपया 100/- पूर्ण कालिक सहयोग शुल्क राशि अदा करना होगा।
द- राज्य कार्यकारिणी एवं नगर निगम कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों को क्रमशः 500/- रू0, 200/- रूपये पूर्णकालिक सहयोग राशि अदा करना होगा।
य- राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को क्रमशः 1000/- रूपया, 500/- रूपया पूर्णकालिक शुल्क अदा करना होगा।
र- सदस्यता का पूरा शुल्क सम्बन्धित राज्य इकाइयों के कार्यालय में जमा किया जायेगा। जहां से पार्टी संगठन के चुनावों के बाद निम्नलिखित व्यवस्थानुसार वितरित होगा।
1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी 50 प्रतिशत
2. राज्य कार्यकारिणी एवं नगर निगम कार्यकारिणी 30 प्रतिशत
3. नगर पंचायत, नगर पालिका, जिला, विधान सभा, लोक सभा क्षेत्र कार्यकारिणी 20 प्रतिशत
अनुच्छेद 4
संगठनात्मक संरचना - भारतीय विस्तार वादी पार्टी का संगठन सात स्तरीय होगा।
1. प्रारम्भिक समितियां।
2. विधान सभा
3. नगर
4. लोक सभा
5. जिला
6. राज्य
7. राष्ट्रीय संगठन
प्रत्येक संगठन के दो अंग होगें।
अ- सामान्य सभा
ब- कार्यकारिणी
केन्द्र एवं राज्यों द्वारा निर्धारित इकाइयां ही संगठन स्तर क्षेत्र होगा।
स्पष्टीकरण -
अ- संविधान में उल्लिखित ‘राज्य’ शब्द में केन्द्र शासित क्षेत्र भी सामिल होगा।
ब- भारतीय संविधान में उल्लिखित राज्य और केन्द्र शासित क्षेत्र के अनुरूप भारतीय विस्तारवादी पार्टी की राज्य इकाइयों का गठन होगा।
स- भारतीय विस्तारवादी पार्टी का केन्द्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में ग्राम - श्यामपुर पो0 दुगरेई, थाना ललौली, तहसील सदर फतेहपुर में होगा और उ0प्र0 राज्य इकाई का कैम्प कार्यालय जनपद फतेहपुर के मुख्यालय में होगा।
द- राज्य इकाइयों का मुख्यालय सम्बन्धित राज्य एवं केन्द्र शासित क्षेत्र के राजधानियों में होगा।
य- नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर इकाइयों का कार्यालय नगरीय क्षेत्र के अन्तर्गत होगा।
र- प्रारम्भिक समितियों का क्षेत्र एक मतदान केन्द्र होगा।
ल- महानगरों की इकाइयां का क्षेत्र भी नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद की तरह ही होगा।
अनुच्छेद- 5
दल के पदाधिकारी
भारतीय विस्तारवादी पार्टी में निम्नलिखित पदाधिकारी होगे -
1. अध्यक्ष - 1
2. उपाध्यक्ष - 1
3. महासचिव - 1
4. कोषाध्यक्ष - 1
5. सचिव - 3
कार्यकारिणी सदस्य जैसा सम्बन्धित कार्यकारिणी के बारे में आगे उल्लिखित है।
अनुच्छेद- 6
कार्यकाल - भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सभी स्तरों के प्रारम्भिक सदस्यों को छोड़कर किसी भी स्तर के कार्यकारिणी सदस्यों जिनमें फ्रंटल संगठन भी शामिल है का कार्यकाल भी चार वर्षीय होगा।
अनुच्छेद - 7
सदस्यों की सूची
अ- विधानसभा, नगर, लोकसभा, जिला इकाई क्षेत्रों (सभी फं्रटल संगठन इकाइयां) द्वारा बनाये गये प्रारम्भिक एवं सक्रिय सदस्यों की सूची एवं शुल्क सम्बन्धित जिला अध्यक्ष व जिला महासचिव के संयुक्त हस्ताक्षरों और उनकी देखरेख में तैयार करके सभी स्तरों के अध्यक्ष राज्य कार्यकारिणी को भेजेगें।
नोट - लोक सभा क्षेत्र इकाई द्वारा तैयार सूची एवं शुल्क जिस जिले में ज्यादा लोक सभा मतदाता आते हों उपरोक्त अनुच्छेद 7 (अ) के अनुसार भेजी जावेगी।
ब- फर्जी एवं बोगस सदस्यता की लिखित शिकायत जिला / राज्य / राष्ट्रीय अध्यक्ष को तथ्यों सहित भेजी जाने पर जिलाध्यक्ष / राज्याध्यक्ष स्वयं या किसी माध्यम से जांच कराकर यदि शिकायत सही पायी जाती है तो उक्त आख्या राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजी जायेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं या किसी समिति के द्वारा जांच कराके आख्या सही पायी जाने पर बोगस सदस्यता करने वाले सदस्य को पार्टी से निष्कासित कर सकता है। उसे किसी भी पद के लिये अयोग्य कर सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अंतिम व बाध्यकारी होगा।
स- सदस्यता पंजिका में सदस्य का नाम, स्थायी पता, सदस्यता तिथि एवं क्रमांक अंकित किया जायेगा।
द- हटाएं जाने पर, त्याग पत्र देने पर, मृत्यु होने पर अथवा अंशदान न देने पर अथवा सदस्यता का नवीनीकरण न कराये जाने पर सदस्यता खत्म कर दी जावेगी।
अनुच्छेद - 8 प्रारम्भिक समितियां -
अ- प्रारम्भिक समिति का गठन मतदान केन्द्र पर कम से कम एक सक्रिय सदस्य होने पर सक्रिय सदस्य की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी विधान सभा कार्यकारिणी अध्यक्ष द्वारा नामित की जायेगी।
ब- सदस्य संख्या बढ़ने पर प्रारम्भिक समिति अध्यक्ष सहित पांच से ग्यारह सदस्यीय होगी जिसका चुनाव प्रारम्भिक क्षेत्र में रहने वाले दल के सदस्यो द्वारा किया जायेगा।
स- नगर निकाय पंचायतों का प्रत्येक वार्ड प्रारम्भिक समिति का क्षेत्र माना जायेगा।
अनुच्छेद - 9 विधान सभा संगठन
अ- समस्त विधान सभा क्षेत्र की प्रारम्भिक समितियों के अध्यक्ष विधान सभा सामान्य सभा के सदस्य होगे।
ब- सामान्य सभा के सदस्यों द्वारा सामान्य सदस्यों मे से ही विधान सभा कार्यकारिणी के (9) सदस्य एवं राज्य सामान्य सभा के लिये (2) एवं राष्ट्रीय सामान्य सभा हेतु (1) प्रतिनिधि का चयन चुनाव पद्धति से होगा।
स- कार्यकारिणी के चयनित (9) सदस्यों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष का चयन सर्वसम्मति अथवा उन्ही (9) सदस्यीय कमेटी द्वारा चुनावी पद्धति से होगा। सचिव आदि के चुनने का अधिकार अध्यक्ष एवं महासचिव को होगा या सर्व सम्मति से चुने जाएगे।
द- विधान सभा कार्यकारिणी की मासिक बैठक अनिवार्य होगी एवं सामान्य सभा की षटमासिक बैठक अनिवार्य होगी।
य- विधान सभा क्षेत्र स्थित नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम पार्टियों के अध्यक्ष एवं महासचिव विधान सभा कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होगे।
अनुच्छेद - 10 नगर पंचायत / नगर पालिका परिषद / नगर निगम संगठन -
क्षेत्र स्थित प्रारम्भिक समितियों के अध्यक्ष सामान्य सभा के सदस्य होगे। जो अपनी क्षेत्र कार्यकारिणी नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद के लिए (9) सदस्यीय एवं नगर निगम समिति के लिये (13) सदस्यीय समिति का चयन चुनाव द्वारा करेगें शेष प्रक्रिया अनुच्छेद-9 (स) के अनुसार पूरी होगी।
अनुच्छेद - 11 लोक सभा संगठन
अ- लोक सभा क्षेत्र में आने वाली विधान सभाओं की कार्यकारिणी एवं राज्य प्रतिनिधि विधान सभा तथा नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, अध्यक्ष व महासचिव लोक सभा सामान्य सभा के सदस्य होगें। जो लोकसभा क्षेत्र सदस्यीय कार्यकारिणी का चयन चुनाव द्वारा करेगें। शेष प्रक्रिया अनुच्छेद-9 (स) के अनुसार सम्पन्न होगी।
ब- लोक सभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधान सभाओं के कार्यकारिणी अध्यक्ष एवं महासचिव लोक सभा कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होगे।
अनुच्छेद - 12 जिला संगठन
अ- सामान्य सभा:- नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम, विधान सभा, लोक सभा कार्यकारिणियों के समस्त सदस्य एवं राज्य तथा केन्द्र के चयनित प्रतिनिधि सामान्य सभा के सदस्य होगें।
ब- कार्यकारिणी:- सामान्य सभा के सदस्य सामान्य सभा के सदस्यों से ही (33) सदस्यीय जिला कार्यकारिणी का चयन चुनाव द्वारा होगा।
स- चयनित कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा अध्यक्ष वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव एवं कोषाध्यक्ष का चयन चुनाव द्वारा करेगें।
उपरोक्त निर्वाचित चारो पदाधिकारी एक प्रकाशन / प्रचार मंत्री तथा प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र से एक-एक उपाध्यक्ष एवं एक-एक सचिव का चयन सर्वसम्मति अथवा चुनाव द्वारा नामित करेगें।
द- जिले के सभी फ्रन्टल संगठनों के अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष जिला संगठन के पदेन सदस्य होगे।
य- जनपद की शासकीय एवं अर्ध-शासकीय पंचायतों एवं समितियों में चयनित सदस्य, भारतीय विस्तार वादी पार्टी के सदस्य एवं विधायक एवं सांसद, पूर्व एवं वर्तमान जिलाध्यक्ष जिला कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होगे।
र- जिला कार्यकारिणी की मासिक बैठक अनिवार्य होगी।
अनुच्छेद - 13 राज्य संगठन
अ- सामान्य सभा:- राज्य के अन्दर स्थित समस्त विधान सभाओं से चयनित राज्य प्रतिनिधि सामान्य सभा के सदस्य होगे और समस्त जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष एवं महासचिव तथा पार्टी विधायक एवं सांसद पूर्व एवं वर्तमान सामान्य सभा के पदेन सदस्य होगे।
ब- कार्यकारिणी:- राज्य सामान्य सभा के सदस्यों द्वारा सदस्यों में ही राज्य के जिलो की संख्या को आधार मानकर कार्यकारिणी सदस्यों का चयन चुनाव द्वारा करेगें।
स- कार्यकारिणी के सदस्य:- कार्यकारिणी के सदस्यों मे से ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव एवं कोषाध्यक्ष का चयन चुनाव द्वारा करेगें। निर्वाचित पदाधिकारी सर्वसम्मति अथवा चुनाव द्वारा राज्य प्रवक्ता / प्रकाशन / प्रचार मंत्री एक एवं राज्य की पांच लोक सभा को इकाई मानकर प्रत्येक इकाई से एक-एक उपाध्यक्ष एवं सचिव नामित करेगें।
द- राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अपने-अपने राज्यों एवं अपने-अपने जिलों में कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होगें।
य- राज्य कार्यकारिणी अध्यक्ष राज्य कार्यकारिणी की त्रैमासिक बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित करेगा और दो वर्षीय सामान्य सभा का आयोजन सुनिश्चित करेगा।
र- राज्य कार्यकारिणी के 33 प्रतिशत एवं सामान्य सभा के 25 प्रतिशत सदस्यों की लिखित मांग पर सामान्य सभा एवं कार्यकारिणी की बैठक आहूत करने की बाध्यता राज्य अध्यक्ष की होगी।
अनुच्छेद- 14 संसदीय बोर्ड
अ- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के प्रत्येक राज्य संसदीय बोर्ड की सदस्य संख्या अध्यक्ष सहित 9 होगी। राज्य कार्यकारिणी का अध्यक्ष संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष होगा तथा महासचिव बोर्ड का सचिव होगा। राज्य अध्यक्ष विधान मण्डल दल के नेता सहित अधिकतम 7 व्यक्तियों को मनोनीत राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सहमति पर करेगा।
ब- राज्य संसदीय बोर्ड विधान मण्डलो एवं स्थानीय निकायों में भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सदस्यों के लिये मार्गदर्शक का कार्य करेगी।
स- राज्य संसदीय बोर्ड अपने-अपने राज्यों में लोक सभा, विधान सभा एवं स्थानीय निकायों के चुनावों के समय प्रत्याशियों के नाम का पैनल केन्द्रीय संसदीय बोर्ड को भेजेगी।
अनुच्छेद- 15 राष्ट्रीय संगठन
1- राष्ट्रीय संगठन के निम्नलिखित प्रतिनिधि होगे:-
अ- प्रत्येक राज्य से चयनित प्रतिनिधि।
ब- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सभी सांसद एवं विधायक वर्तमान एवं भूतपूर्व पार्टी के सभी जिला पंचायत अध्यक्ष।
स- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सभी राज्याध्यक्ष, सम्बद्ध संगठनों के सभी राज्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष।
द- राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य।
य- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महासचिव वह पार्टी के सक्रिय सदस्य होगें।
र- इस धारा की उपधारा-1 (अ से य) के प्रतिनिधियों की कुल संख्या के 5 प्रतिशत प्रतिनिधि राष्ट्रीय संगठन हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किये जायेगे।
2- राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रस्ताव पर अथवा राष्ट्रीय संगठन के 33 प्रतिशत सदस्यों की मांग पर राष्ट्रीय संगठन का विशेष अधिवेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कभी भी बुलाया जा सकता है।
3- 2 वर्ष के अन्दर कम से कम 1 बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित तिथि एवं स्थान पर राष्ट्रीय संगठन की बैठक अवश्य होगी।
4- राष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधियों के चयन को लेकर यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष लिखित रूप से आपत्ति कर सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अन्तिम एवं बाध्यकारी होगा।
अनुच्छेद- 16 राष्ट्रीय कार्यकारिणी
अ- राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष सहित 55 सदस्य होगें। राष्ट्रीय सामान्य सभा में 45 निर्वाचित सदस्य होगें। शेष 10 सदस्यों को राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत करेगें। राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों में एक उपाध्यक्ष, एक वरिष्ठ महासचिव, एक कोषाध्यक्ष, नौ महासचिव, नौ सचिव मनोनीत करेगा।
ब- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सामान्य सभा एवं विशेष सभाओं द्वारा लिये गये निर्णयों को क्रियान्वयन कराने का दायित्व कार्यकारिणी का होगा।
स- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के संविधान की विभिन्न धाराओं की व्याख्या एवं प्रयोग सम्बन्धी मामलों में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का निर्णय निर्णायक व अन्तिम होगा।
द- राष्ट्रीय कार्यकारिणी भारतीय विस्तारवादी पार्टी की सामान्य सभा की प्रत्येक बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही का विवरण एवं उस बैठक की विषय सूची रखेगी।
य- राष्ट्रीय सामान्य सभा का कोई भी सदस्य यदि कोई नया प्रस्ताव कार्यकारिणी के समक्ष लाना चाहता है तो उसे बैठक से कम से कम 20 दिन पूर्व प्रस्ताव लिखकर देगा। जिसे सामान्य सभा के सहमत होने पर ही विचार हेतु बैठक में लायेगी।
र- राष्ट्रीय कार्यकारिणी भारतीय विस्तारवादी पार्टी की समस्त इकाइयों के रिकार्ड, अभिलेख, बहीखाते, कागजातों की जांच कराने के लिये लेखा परीक्षकों या अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति कर सकता है। सभी इकाइयों के लिये लेखा परीक्षकों एवं पदाधिकारियों को वांछित सूचना उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के 6 माह के भीतर आयोग को वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत करेगा। पार्टी का लेखा परीक्षण सी0ए0जी0 के पैनल में शामिल आडिटर से कराया जायेगा तथा पार्टी का फण्ड राजनीतिक कार्यो के लिए ही इस्तेमाल किया जायेगा। पार्टी अपने वित्तीय लेखो के रखरखाव में आयोग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशो का पालन करेगी।
ल- आवश्यकता पडने पर पार्टी को सुचारू रूप से चलाने के लिये नियम बनाना, नियमों का क्रियान्वयन कराना, राष्ट्रीय कार्यकारिणी का अधिकार होगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा इस तरह से बनाये गये नियमों का अनुमोदन राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य सभा की अगली बैठक में निश्चित रूप से किया जायेगा। इस तरह के नियम राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा बनाये जाने से तुरन्त बाद से ही लागू हो सकेगें। भले ही उनका अनुमोदन बाद में हो।
व- पार्टी संविधान के आधीन विभिन्न इकाइयों को निर्देश देने का अधिकार राष्ट्रीय कार्यकारिणी को होगा।
श- राष्ट्रीय कार्यकारिणी वह तारीख निश्चित करेगी जिस पर उसके मातहत जिला व राज्य इकाइयों तथा राष्ट्रीय सामान्य सभा का गठन कार्य पूरा होगा।
ष- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तीन माह में एक बार ही बुलाई जावेगी।
ह- संसदीय दल का नेता ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पदेन सदस्य होगा। राज्य कार्यकारिणी के अध्यक्ष और पार्टी के विधान मण्डल दल के नेता राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होगे। सम्बद्ध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होगें।
अनुच्छेद- 17 अध्यक्ष
अ- अध्यक्ष कार्यकारिणी / राष्ट्रीय सामान्य सभा और पार्टी के विशेष अधिवेशन की अध्यक्षता करेगा।
ब- पार्टी अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अनुमोदन की प्रत्याशा में अनुशासन सम्बन्धी कोई भी कार्यवाही करने में सक्षम होगा यदि अध्यक्ष इस बात से संतुष्ट है कि पार्टी के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य का आचरण पार्टी विरोधी है तो अध्यक्ष ऐसे किसी भी पदाधिकारी, पदाधिकारियों, सदस्य या सदस्यों को पार्टी से निलम्बित कर सकता है तथा ऐसे मामले को जांच के लिये संबधित अनुशासन समिति को भेजेगा।
स- जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नही हो रही होगी उस अवधि में राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकारिणी के अधिकारो का प्रयोग अपनी मर्जी से कर सकता है। लेकिन इस दौरान लिये गये निर्णयों की पुष्टि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अगली बैठक में करानी होगी।
द- अध्यक्ष को कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार है। 50 प्रतिशत सदस्यों की मांग पर राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक बुलाने के लिये बाध्य होगा।
य- मृत्यु होने पर, त्याग पत्र देने पर, पार्टी से निकाले जाने या उस रिक्त हुये स्थानों / स्थान को अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से शेष कार्यकाल के लिये मनोनीत कर सकेगा।
र- भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सम्बद्ध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्षों और कार्यकारिणी के सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को होगा। सम्बद्ध संगठनों की राज्य कार्यकारिणी का गठन राज्याध्यक्ष मनोनयन द्वारा करेगा लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष से इसका पूर्व अनुमोदन अनिवार्य रूप से कराना होगा।
अनुच्छेद- 18 उपाध्यक्ष
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्यकारिणी या राष्ट्रीय महासभा की अध्यक्षता करेगा। उपाध्यक्ष द्वारा प्रदत्त अधिकारो के तहत समय-समय पर उपाध्यक्ष वही कार्य करेगा जिसके लिये उसे निर्देशित किया गया है।
अनुच्छेद- 19 महासचिव
राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सौपे गये सम्बन्धित पार्टी अधिवेशन / विशेष अधिवेशनों की कार्यवाही तैयार कराना होगा और उसका प्रकाशन कराना उसका दायित्व होगा। राष्ट्रीय महासभा और कार्यकारिणी के कार्यो का समस्त विवरण तैयार कराना होगा। अगली बैठक में कार्य प्रस्तुत करने का दायित्व भी महासचिव के आधीन होगा।
अनुच्छेद- 20 कोषाध्यक्ष
भारतीय विस्तारवादी पार्टी का कोषाध्यक्ष पार्टी का व्यवस्थापक होगा। वह समस्त पूंजी, विनियोग आमदनी तथा खर्च का लेखा-जोखा रखेगा।
अनुच्छेद- 21 संसदीय केन्द्रीय बोर्ड
भारतीय विस्तारवादी पार्टी का एक संसदीय बोर्ड होगा। जिसकी सं0 11 होगी। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष इसका अध्यक्ष होगा तथा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत महासचिव बोर्ड का सचिव होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से संसदीय दल के नेता सहित कम से कम सात सदस्यों को संसदीय बोर्ड के लिये नियुक्त करेगा। राज्यों के विधान मंडलो, विधान सभाओं और संसद के लिये निर्वाचन हेतु प्रत्याशियों का चयन करने वाली अंतिम निर्णायक संस्था के रूप में केन्द्रीय संसदीय बोर्ड कार्य करेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही चुनाव चिन्ह का आंवटन होगा।
अनुच्छेद- 22 विषम परिस्थितियों का संशोधन
किन्ही विषम परिस्थितियों में भारतीय विस्तारवादी पार्टी स्तर संगठनों की पूर्णतः के अभाव में सम्बन्धित महासभा का गठन न होने पर विधानसभा क्षेत्र, नगर निगम, नगर पालिका और जिला कार्यकारिणी का मनोनयन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किया जायेगा।
अनुच्छेद- 23 विषय निर्धारण
अ- भारतीय विस्तारवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, महासभा, राष्ट्रीय या विशेष अधिवेशन के पहले जब विभिन्न प्रस्तावों के चयन हेतु बैठेगी तो उसे विषय निर्धारण समिति का नाम रखा जायेगा।
ब- राष्ट्रीय महासभा / विशेष अधिवेशन के लिए संस्तुति राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा विषय निर्धारण समिति को भेजे गये प्रस्ताव और राज्य महासभाओं द्वारा अधिवेशन के कम से कम 20 दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भेजे गये प्रस्ताव जिन पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहमत हो विषय निर्धारण समिति के समक्ष रखे जायेगें। विषय निर्धारण समिति प्रस्ताव पर समय निर्धारित करेगी। विषय निर्धारण समिति द्वारा स्वीकृति न होने पर अधिवेशन की बैठक के ठीक पहले यदि कम से कम 20 प्रतिशत प्रतिनिधि इस प्रस्ताव को रखने के लिये लिख कर दे तो अध्यक्ष उस प्रस्ताव पर चर्चा का समय देगा।
अनुच्छेद- 24 विशेष अधिवेशन
अ- भारतीय विस्तारवादी पार्टी की महासभा का अधिवेशन 2 वर्षो में एक बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित तिथि एवं स्थान पर होगा लेकिन राष्ट्रीय महासभा के अधिवेशन के लिये 33 प्रतिशत सदस्यों द्वारा मांग करने पर या राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निश्चित करने पर विशेष अधिवेशन 45 दिन पूर्व की सूचना पर कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बुलाया जा सकता है। अधिवेशन पार्टी के लिये दिशा निर्देश का कार्य करेगा।
ब- अधिवेशन के लिये प्रतिनिधि राष्ट्रीय महासभा के प्रतिनिधियों को ही माना जायेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा ही अधिवेशन की अध्यक्षता की जायेगी।
स- सम्बन्धित राज्य की कार्यकारिणी ही अधिवेशन के लिये समिति के रूप में कार्य करेगी और उसकी तैयारी के लिये सारी व्यवस्था जिसमें इस कार्य हेतु धन संग्रह एवं उसका हिसाब आदि शामिल है कार्यकारिणी ही करेगी।
अनुच्छेद- 25 कोरम
भारतीय विस्तारवादी पार्टी के समस्त महासभा अधिवेशनों एवं विशेष अधिवेशनो तथा कार्यकारिणी की बैठको के लिये कोरम की कुल संख्या 1/3 होगी।
अनुच्छेद- 26 अधिवेशनो में वोट का अधिकार
प्रत्येक स्तर के महासभा अधिवेशनो में दर्शक प्रतिनिधि की व्यवस्था होगी जो अधिवेशन की बहस में भाग ले सकेगे लेकिन उन्हे वोट देने का अधिकार नही होगा। दर्शक प्रतिनिधि के मनोनयन का अधिकार सम्बन्धित स्तर के अध्यक्ष को होगा।
अनुच्छेद- 27 बैंक खाता
विधान सभा कार्यकारिणी / लोक सभा क्षेत्र कार्यकारिणी / जिला कार्यकारिणी / नगर निगम कार्यकारिणी / नगर पालिका परिषद कार्यकारिणी / नगर पंचायत कार्यकारिणी / राज्य कार्यकारिणी (केन्द्र शासित राज्य कार्यकारिणी) तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैंक खाते सम्बन्धित इकाइयों के नाम से खोले जायेगे और सम्बन्धित इकाइयों के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होगे।
अनुच्छेद- 28 बैठक की सूचना
विधान सभा क्षेत्र कार्यकारिणी, लोक सभा क्षेत्र कार्यकारिणी, नगर निगम क्षेत्र कार्यकारिणी, नगर पालिका परिषद कार्यकारिणी, नगर पंचायत कार्यकारिणी की बैठक 15 दिन की पूर्व की सूचना पर तथा राज्य कार्यकारिणी की बैठक 30 दिन की सूचना पर तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 45 दिन पूर्व की सूचना पर आहूत की जायेगी। असामान्य परिस्थितियों पर बैठक अन्य सूचना पर भी बुलायी जा सकती है।
अनुच्छेद- 29 निर्वाचन प्रक्रिया
अ- राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव
1. राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से किसी भी एक व्यक्ति को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करेगा। निर्वाचन अधिकारी विधिक रूप से चुनाव सम्पन्न करा सके इसलिए निर्वाचन अधिकारी की सहायता के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से 2 सहायक निर्वाचन अधिकारियों की भी नियुक्ति कर सकता है।
2. राष्ट्रीय महासभा के सभी सदस्यों को निर्वाचन की सूचना निर्वाचन अधिकारी डाक द्वारा अथवा समाचार पत्रों में प्रकाशित कराकर दी जावेगी।
3. अध्यक्ष पद के लिये राष्ट्रीय महासभा के 10 सदस्य किसी ऐसे व्यक्ति का नाम प्रस्तावित करेगे जो राष्ट्रीय महासभा का सदस्य हो। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए राष्ट्रीय महासभा का एक सदस्य जो किसी अन्य सदस्य, जो राष्ट्रीय महासभा का सदस्य हो का नाम प्रस्तावित करेगा।
4. नामांकन वापसी के बाद यदि चुनाव आवश्यक हुआ तो अगले दिन ही पूर्ण निर्धारित अवधि के भीतर नियत स्थान पर अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न होगा।
5. मतदान समाप्त होने के तुरन्त बाद मतगणना प्रारम्भ कर दी जावेगी जब तक मतगणना नही पूरी होगी मतगणना निर्बाध रूप से जारी रहेगी।
6. राष्ट्रीय महासभा के प्रत्येक सदस्य को मतदान करने का अधिकार होगा। अध्यक्ष के उम्मीदवारों मे सर्वाधिक मत पाने वाले उम्मीदवार और कार्यकारिणी के निर्वाचन में सर्वाधिक मत पाने वाले प्रथम कार्यकारिणी35 उम्मीदवारों को निर्वाचित घोषित किया जायेगा।
ब- राज्य इकाईयों के अध्यक्ष एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों का निर्वाचन
1. राज्य कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित समय के भीतर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुमति से राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा नियुक्ति निर्वाचन अधिकारी ही सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करायेगा।
2. राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों के निर्वाचन हेतु उम्मीदवार बनने के लिए राज्य महासभा के किसी सदस्य के नाम का प्रस्ताव राज्य महासभा अधिवेशन के लिए किसी एक अन्य सदस्य द्वारा किया जाना निश्चित है।
3. अध्यक्ष पद हेतु राज्य महासभा का कोई भी सदस्य जिसके नाम का प्रस्ताव राज्य महासभा के 10 सदस्यों द्वारा किया गया हो, उम्मीदवार बन सकता है।
4. राज्य महासभा के सदस्य राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों के चुनाव में एक नाम का चुनाव कर सकेगें।
5. नाम वापसी के बाद यदि निर्वाचन जरूरी हुआ तो अगले दिन चुनाव होगा। मतदान के तुरन्त बाद मतगणना होगी और चुनाव अधिकारी द्वारा विजयी उम्मीदवारों जो कार्यकारिणी के लिये चुने गये हैं। कि घोषणा कर दी जायेगी।
6. विधान सभा कार्यकारिणी,नगर पंचायत कार्यकारिणी,नगर पालिका परिषद कार्यकारिणी,नगर निगम कार्यकारिणी,लोक सभा क्षेत्र कार्यकारिणी,जिला कार्यकारिणी,राज्य ईकाइयों की कार्यकारिणी, राष्ट्रीय कार्य कारिणी के प्रतिनिधियों का निर्वाचन अनुच्छेद (29) (अ) और (ब) के अनुसार ही सम्पन्न होगी।
अनुच्छेद- 30 निर्वाचन सम्बन्धी विवाद
जिलास्तरीय,विधानसभा स्तरीय ,लोकसभा क्षेत्र स्तरीय,नगर पंचायत,नगरपालिका,नगर निगम स्तरीय विवादों को राज्यकार्यकारिणी निपटावेगी।राज्य निर्वाचन सम्बन्धी विवाद के मामलों में राष्ट्रीय कार्यकारिणी किसी जांच अधिकारी को नियुक्त करके जांच करायेगी एवं अन्तिम निर्णय देगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त अधिकारी का निर्णय अन्तिम व बाध्यकारी होगा।
अनुच्छेद- 31 अनुशासन समिति
भारतीय विस्तार वादी पार्टी में अनुशासनहीनता के मामलों में राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा 3 सदस्यीय कमेटी का गठन होगा जिसमें 1 अध्यक्ष व 2 सदस्य होगें। कमेटी से निश्चित समय सीमा के भीतर जांच रिपोर्ट एवं संस्तुतियां प्राप्त करके राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुशासनात्मक कार्यवाही करने में समर्थ होगा।
अनुच्छेद- 32 संविधान संशोधन
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अनुरोध पर राष्ट्रीय महासभा या विशेष अधिवेशन के कुल सदस्यों के बहुमत और मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से अनुच्छेद(2) को छोडकर संविधान में कोई भी संशोधन कर सकता है। राष्ट्रीय महासभा द्वारा या विशेष अधिवेशन द्वारा अधिकृत किये जाने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी संविधान में कोई भी संशोधन कर सकती है।
अनुच्छेद- 33 संविधान विलय, विभाजन एवं विघटन प्रक्रिया
संविधान संशोधन की प्रक्रिया की भांति ही विशेष परिस्थितियों में, राष्ट्रहित में, विलय, विभाजन एवं विघटन की प्रक्रिया अनुच्छेद (32) की भांति ही अमल में लायी जायेगी तथा विलय या विघटन के लिये दल की कम से कम दो तिहाई कार्यकारिणीयों का अनुमोदन आवश्यक होगा।
अनुच्छेद- 34 पार्टी के अंग
भारतीय विस्तारवादी पार्टी के संविधान के आधीन भारतीय विस्तारवादी युवजन सभा / सुभाष बिग्रेड / छात्र सभा / यूथ बिग्रेड / व्यापार सभा / अल्पसंख्यक सभा / अधिवक्ता सभा / मजदूर सभा / किसान मजदूर सभा / शिक्षक सभा / सांस्कृतिक प्रकोष्ठ / अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ / पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ एवं सैनिक प्रकोष्ठ के नाम से सम्बद्ध संगठन होगे। इन संगठनो में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अध्यक्ष सहित 35 सदस्य होगे। जिले तथा नीचे के स्तर पर अध्यक्ष सहित 25 सदस्य होगे इनमें सभी स्तरो पर 1 अध्यक्ष 1 उपाध्यक्ष 1 महासचिव 1 कोषाध्यक्ष तथा शेष सचिव होगे।
इन संगठनों के अध्यक्ष अपने स्तर पर भारतीय विस्तारवादी पार्टी की कार्यकारिणी के विशेष आंमत्रित सदस्य होगें। इन संगठनो के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य ही होगे।
जिला स्तरीय सम्बद्ध संगठनों का मनोनयन भारतीय विस्तारवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष के पूर्व अनुमोदन से ही सम्बद्ध संगठनो के राज्य अध्यक्षों द्वारा किया जाएगा। सम्बद्ध संगठनों के राज्य अध्यक्षों और राष्ट्रीय अध्यक्षों का मनोनयन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा ही होगा। सम्बद्ध संगठनो की जिला कार्य समितियों का चयन संबधित संगठन के जिलाध्यक्ष, पार्टी के जिलाध्यक्ष की सहमति एवं राज्य अध्यक्ष के अनुमोदन से किया जायेगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष इस बात से संतुष्ट हो कि कोई भी सम्बद्ध संगठन भारतीय विस्तारवादी पार्टी के हितो के अनुकूल कार्य नही कर रहा तो ऐसे किसी भी सम्बद्ध संगठन को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं भंग कर सकता है या किसी भी पदाधिकारी को पद से हटा सकता है जिसे किसी भी न्यायालय में चुनौती नही दी जा सकेगी।
नोट - भारतीय विस्तारवादी पार्टी महिलाओं के लिये भी सभी स्तरों पर सम्बद्ध संगठन बनावेगी।
अनुच्छेद- 35 पार्टी भागेदारी
भारतीय विस्तारवादी पार्टी सभी प्रकार की महा सभाओं, कार्यकारिणीयों में महिलाओं, अल्पसंख्यको, दलितो एवं पिछड़े वर्गो को 50 से 60 प्रतिशत स्थानो पर समायोजित करेगी।
अनुच्छेद- 36 पार्टी ड्रेस
भारतीय विस्तारवादी पार्टी के सभी स्तर के पदाधिकारियों, सभी फ्रन्टल संगठनो के पदाधिकारियों को खादी, हैण्डलूम के वस्त्र पहनना आवश्यक है।